Co-operation News: सहकारिता राज्य मंत्री ने विभाग के साथ एक साल बाद की ब्रेनस्टॉर्मिग

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ministar Dak
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सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने एक साल बाद सहकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर विभाग के अधिकारियों सहित अभिभाषकों और जन प्रतिनिधियों के साथ अपेक्स बैंक में चर्चा की।
श्री दक को सरकार के एक साल समाप्त होने के बाद विभाग की समस्याओं के समाधान की याद आई है। उन्होने एक साल बाद कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश में सहकारिता को सर्वसुलभ बनाते हुये इसके सहज और स्वतः विस्तार को सुनिश्चित करना है। विजन के अभाव में मंत्री ने एक साल तक सहकारिता से जुड़े लोगों की सुध नहीं ली। एक साल समाप्त होने के बाद अपेक्स बैंक में आयोजित ब्रेनस्टॉर्मिंग बैठक में उन्हे याद आया कि जनहित में महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, गुजरात सहित मध्यप्रदेश राज्यों के सहकारी कानूनों का अध्ययन करना चाहिए और सहकारिता प्रसार के लिये युक्तियुक्त प्रावधानों का राजस्थान के परिपेक्ष्य में उनका मसौदा तैयार किया जा सकता है।
मंत्री द्वारा आयोजित बैठकों में सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार श्रीमती मंजू राजपाल ने हमेशा से विभाग की समस्याओं का ध्यान रखा है। उपरोक्त बैठक में श्रीमती राजपाल ने कहा कि नये कोऑपरेटिव कोड में हमारा फोकस कार्य निष्पादन सीमा को न्यूनतम स्तर तक लाते हुये सदस्यों को त्वरित और न्याय संगत कार्यवाही को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि आमजन को सहकारी सुविधाओं और योजनाओं तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिये सभी जिला इकाइयों और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में हेल्प डेस्क बनाई जायेंगी।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि नये कोऑपरेटिव कोड को इस प्रकार बनाया जा रहा है जिसमें सहकारी संस्थाओं की स्वायत्तता को अक्षुण्ण बनी रहे और निर्वाचित पदाधिकारी संस्था की निर्णय प्रक्रिया में अधिकाधिक भाग लेकर एक सबके लिये, सब एक के लिये के मूलमंत्र के आधार पर कार्य कर सकें।

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