पशुपालन, मत्स्य एवं गौ-पालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा के साथ निदेशक पशुपालन और उनकी टीम ने बुधवार को प्रातः 8 बजे आदर्श नगर, आमेर और कानोता के पशु चिकित्सा संस्थाओं का औचक निरीक्षण और पॉलीक्लिनिक पांच बत्ती और प्रथम श्रेणी पशुचिकित्सालय, दुर्गापुरा का औचक वीडियो निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान आदर्शनगर पशुचिकित्सालय के ताला लगा पाया गया एवं कार्मिक विलम्ब से पहुुचे। पशुचिकित्सालय, दुर्गापुरा में प्रभारी अधिकारी अनुपस्थित पाये गये तथा पॉलीक्लिनिक पांच बत्ती में 4 कार्मिक अनुपस्थित पाये गये। आमेर एवं आदर्श नगर पशुचिकित्सालयोें की व्यवस्थाओ पर असंतोष व्यक्त करते हुए इन्हें तुरन्त प्रभाव से सुधारने के निर्देश प्रदान किये गये।
प्रातः 09:30 बजे पशुपालन निदेशालय और गोपालन निदेशालय का औचक निरीक्षण किया। विभाग में अधिकतर अधिकारी और कार्मिक उपस्थित पाये गए। उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर की जांच की और अनुपस्थित पाए गए 29 अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किए जाने के निर्देश दिए। जिसके क्रम में निदेशक पशुपालन व निदेशक गोपालन ने नोटिस जारी किए। विलंब से आने वाले कार्मिकों और अधिकारियों को उन्होंने फूल भेंट करते हुए उन्हें देरी से नहीं आने का संकल्प दिलाया। उन्होंने सभी अधिकारियों/ कर्मचारियों को कार्य समय में कार्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। बिना पूर्व सूचना एवं अनुमति के कार्यालय छोड़ने की प्रवृत्ति को गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति नही होनी चाहिए अन्यथा कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही व निलंबन किया जाएगा।
वहीं शासन सचिव ने पशुधन भवन की साफ सफाई के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए बाहरी हिस्सों की सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने सफाई अभियान चलाकर नकारा सामान व कबाड़ की नीलामी आदि एक सप्ताह के भीतर सुनिश्चित किए जानेे के निर्देश दिए। डॉ शर्मा ने कहा कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय समय में अपना परिचय पत्र आवश्यक रूप से पहनना सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रदेश के सभी पॉलीक्लीनिक और पशु चिकित्सा संस्थानों को आदर्श स्थिति में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पशु चिकित्सालयों में सेवाएं बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि चिकित्सालयों में सूचनाओं के प्रदर्शन के लिए सूचना पट्टिका होनी चाहिए जिस पर उपस्थित स्टाफ की सुचना के साथ साथ उपलब्ध सेवाओं की भी विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। और हर जिले का एक प्रभारी बनाकर महीने में प्रत्येक जिले का दौरा सुनिश्चित किया जाए।