मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को कभी भी आदिवासी भाई-बहिनों की चिंता नहीं रही। वे झूठ बोलकर भावनाओं को भड़काकर अपना काम निकलवाते हैं। इन्हें आदिवासियों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। लेकिन हमारी पार्टी आदिवासियों के सपनों पर कुठाराघात नहीं होने देगी। वागड़ राजस्थान के मस्तक पर मुकुट के समान है। हमारी सरकार के लिए इस क्षेत्र का विकास सबसे पहली प्राथमिकता है।
श्री शर्मा सोमवार को विधानसभा उप चुनाव के तहत डूंगरपुर में चौरासी के भाजपा प्रत्याशी कारीलाल ननोमा के समर्थन में विजय संकल्प सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां के युवा विधायक को जब कांग्रेस ने परेशान किया था, तब भारतीय जनता पार्टी उनके साथ खड़ी थी। कांग्रेस से यह पूछा जाना चाहिए कि राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने आदिवासी समाज का साथ दिया था या नहीं। कांग्रेस का यह दोगला चरित्र किसी से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे भोले-भाले आदिवासी भाई-बहिनों को बहका रहे हैं, उन पर हमारी पूरी नजर है। मेरे मन में इस समाज के लिए बहुत आदर है और भाजपा ही आदिवासियों की सच्ची हितैषी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ने कभी भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुझसे संपर्क नहीं किया है क्योंकि उन्हें आदिवासी लोगों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। इसके बावजूद गत करीब 11 महीनों में हमनें वागड़ के विकास के लिए कई निर्णय लिए हैं। टीएसपी फंड को 1 हजार करोड़ से बढ़ाकर 1500 करोड़ रूपए करना, वनाधिकार अधिनियम के तहत लगभग 2 हजार 600 प्रकरणों का निस्तारण, उदयपुर में वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय का निर्माण, राजकीय एवं अनुदानित छात्रावासों और आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों को मैस भत्ता 2500 से बढ़ाकर 3000 करने जैसे निर्णय लिए गए हैं। जिससे आदिवासी समाज सशक्त हो सके। साथ ही, हम प्रत्येक आदिवासी युवा के लिए कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित कर रहे हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार राजस्थान के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और प्रत्येक क्षेत्र में प्रभावी तरीके से काम करना शुरू कर दिया है। जहां सरकारी नौकरी के लिए दो साल का भर्ती कैलेण्डर जारी हुआ है, वहीं 5 साल में 4 लाख सरकारी नौकरियां, निजी क्षेत्र में 6 लाख रोजगार के अवसर और इस वर्ष 1 लाख सरकारी नौकरी की भर्ती जैसे निर्णय हमनें लिए हैं, जिससे युवाओं के सपनों को पंख लग सके। उन्होने कहा भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान को याद करने के लिए 15 नवम्बर को आदिवासी गौरव दिवस मनाने की घोषणा की है।