आगामी वित्तीय वर्ष में मेजर और माइनर मिनरल ब्लॉकों के ऑक्शन का मासिक एक्सन प्लान बनाया जाएगा। निदेशक खान एवं भूविज्ञान भगवती प्रसाद कलाल ने माइंस व भूविज्ञान विभाग के फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि फील्ड अधिकारी अपने क्षेत्र के मिनरल एक्सप्लोरेशन, डेलिनियेशन और ऑक्शन के लिए ब्लॉक तैयार करने का रोडमेप तैयार कर प्रतिमाह ऑक्शन के प्रस्ताव भिजवाएं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर प्रभावी रोक के लिए गेप व खनन क्षेत्रों के ब्लॉकों की नीलामी के कार्य में तेजी लानी होगी।
डीएमजी खान एवं भूविज्ञान विभाग के फील्ड अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने 15 जनवरी से 31 जनवरी तक चले अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्यव्यापी संयुक्त अभियान की स्प्रिट को आगे भी बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारियों को नियतकालीन अंतराल में औचक निरीक्षण जारी रखने को कहा ताकि खनन माफियाओं पर अंकुश जारी रखा जा सके। उन्होंने विभाग की माइनिंग विंग व जियोलॉजी विंग के बीच बेहतर तालमेल बनाकर खनिज खोज और खनन कार्य को बढ़ावा देने और औद्योगिक विकास, निवेश, रोजगार व राज्य सरकार का रेवेन्यू बढ़ाने के साझाा प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि राजस्थान विविध और विपुल खनि संपदा वाला प्रदेश है। खनन माफियाओं द्वारा खनिज ब्लाकों के ऑक्शन को विफल कराने के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी को सफल बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार पर भी जोर देना होगा।
श्री कलाल ने खनन क्षेत्र के पूर्व बकाया राशि की युद्ध स्तर पर वसूली करने के निर्देश दिए और कहा कि वसूली प्रयासों में किसी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजकीय राशि वसूली के लिए सख्ती के साथ ही अप्रिय कार्यवाही भी करनी पड़े तो इसमें कोताही नहीं बरती जाएं। लीजों के बीच गेप एरिया पर हो रहे अवैध खनन की शिकायतों की चर्चा करते हुए कहा कि गेप एरिया के ब्लॉक तैयार कर ऑक्शन की तैयारी करने को कहा। डीएमजी ने जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित अंतर्विभागीय बैठक में अवैध खनन क्षेत्रों और उन पर कार्यवाही के लिए परस्पर सहयोग व समन्वय पर विस्तार से चर्चा करें ताकि आपसी समन्वय से कार्यवाही की जा सके। उन्होंने आवश्यक विभागीय कार्यों को तय समय सीमा में निपटाने के निर्देश दिए।