सरकार का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग फेल, रुपयों में छपवानी पड़ रही है, बजट घोषणा की प्रेस विज्ञप्ती

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जयपुर 27 जुलाई। प्रदेश में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के प्रचार प्रसार का जिम्मा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का होता है। इसके लिये विभाग ने तगड़ा तामझाम भी कर रखा है। लेकिन शायद सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रचार प्रसार के लिये खरा नहीं उतरा, इसलिये विभाग को रुपये देकर अखबारों में बजट घोषणा की प्रेस विज्ञप्ति छपवानी पड़ रही है।

मामला मुख्यमंत्री बजट घोषणा का है। मुख्यमंत्री ने 2021-22 के बजट में अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना की घोषण की थी। इस योजना को वर्ष 2023-24 में संचालन करने के लिये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी की। लेकिन प्रेस विज्ञप्ति को अखबारों में छपवाने के लिये विभाग को रुपये खर्च करने पड़े। रुपये देकर प्रेस विज्ञप्ति छपवाने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का भरपूर सहयोग किया और DIPR/C/-/2023 क्रमांक से अखबारों में छपने के लिये जारी कर दिया।

गौरतलब है कि सरकार के सभी विभागों में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी नियुक्त है। इन अधिकारियों का कार्य हि संबंधित विभाग के प्रचार प्रसार का होता है। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग मुख्यमंत्री सहित सभी विभागों की प्रेस विज्ञप्ति जारी करता जो बिना किसी शुल्क और रुपयों के अखबारों में छापी जाती है। ऐसे में यदि विभागों को रुपयों में प्रेस विज्ञप्ति छपवानी पड़ती है तो ये सरकार और विभागों के लिये शर्म की बात तो है ही साथ में मानननीय मुख्यमंत्री के अधिनस्थ सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के लिये गहरे दाग भी है।

युवा उद्यमियों के लिये एक महत्वपूर्ण जानकारी

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पी एन शर्मा
महाप्रबंधक
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र जयपुर ग्रामीण

जयपुर, 26 जुलाई। एक बार एक्टिविटी चुनने के बाद दूसरा महत्वपूर्ण कार्य है, पूंजी जुटाना। इस समय राज्य में छोटा उपक्रम लगाने के लिए पूंजी जुटाने हेतु चल रही ऋण योजनाओं से काफी सहायता मिल रही है बल्कि यूं कह सकते हैं कि ऐसा दौर पहले कभी आया ही नहीं, जब इतनी अच्छी ऋण योजनाएं राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा नए उद्यमियों हेतु प्रारंभ की गई हों।

वर्तमान में प्रचलित ऋण योजनाओं का संक्षेप में वर्णन निम्नानुसार है-

प्रथम- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम – यह काफी लंबे समय से चल रही लोकप्रिय ऋण योजना है, जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष में ऋण राशि भी निर्माण कार्य हेतु 50 लाख और सेवा कार्य हेतु 20 लाख कर दी गई थी। 15 से 25ः कैपिटल अनुदान वाली यह योजना काफी लोकप्रिय है और इसमें कोई आय अथवा अधिकतम आयु सीमा लागू नहीं है। अभी भी यह योजना चालू है, जिसका लाभ लिया जा सकता है।

द्वितीय- मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना – इस योजना में विनिर्माण व सेवा हेतु अधिकतम 10 करोड तथा व्यापार हेतु अधिकतम एक करोड़ रुपए तक के ऋण का प्रावधान है, जिस पर 5 से 8ः ब्याज अनुदान मिलता है। 25 लाख रुपए से अधिक के ऋण हेतु कुछ लक्ष्यों की सीमितता है लेकिन 25 लाख रुपए तक के ऋण हेतु अभी भी सबसे श्रेष्ठ योजना है।

तृतीय- मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना – यह योजना लगभग 1 माह पूर्व ही लागू हुई है और 31 मार्च 2024 तक लागू है। 35 वर्ष तक का युवा व्यक्ति प्रोपराइटरशिप में यदि कोई छोटा नया उपक्रम स्थापित करता है तो इसमें ब्याज अनुदान के साथ-साथ मार्जिन अनुदान अनुदान भी दिया जा रहा है। एक करोड़ रुपए से कम ऋण की वर्तमान में यह सबसे अच्छी योजना है।

चतुथ- भीमराव अंबेडकर दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजनारू एससी एसटी के उद्यमियों द्वारा ₹10 करोड रूपए तक के प्रोजेक्ट स्थापना हेतु इससे अच्छी योजना पूरे भारतवर्ष में नहीं है। इस योजना में 25ः मार्जिन मनी अनुदान के साथ-साथ 6 से 9ः ब्याज अनुदान देय है।

पंचम- राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2022रू इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में प्लांट और मशीनरी हेतु दिए गए ₹1 करोड रूपए से 50 करोड तक के टर्म लोन पर ब्याज अनुदान देय हैं। साथ में अन्य लाभ भी मिलते हैं।

साथियों, हमारे सामाजिक सर्किल में परिवारजन, मित्र, रिश्तेदार व समाज के लोगों में कोई न कोई युवा बच्चा बच्ची या अन्य कोई व्यक्ति नया उपक्रम लगाने अथवा पहले से चल रहे उपक्रम के विस्तार हेतु पूंजी की समस्या का सामना कर रहा है। इन योजनाओं का सहारा लेकर हजारों आशार्थी आगे बढ़ रहे हैं। अपने प्रयास करने से हमारे साथियों को भी मदद मिल सकती है। कृपया इस बारे में जरूर सकारात्मक रूप से सोचें।

वित्तीय वर्ष 2023-24 के ऋण आवेदन हेतु अनुजा निगम का ऑनलाइन पोर्टल प्रारम्भ

’वित्तीय वर्ष 2023-24 के ऋण आवेदन हेतु अनुजा निगम का ऑनलाइन पोर्टल प्रारम्भ’ ’सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने किया शुभारम्भ’ ’अब ऋण स्वीकृति हेतु सरकारी कार्मिकों की गारंटी की नहीं होगी आवश्यकता’

जयपुर, 26 जुलाई।’ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने मंगलवार को यहॉं नेहरू सहकार भवन स्थित सभागार में राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड (अनुजा निगम) के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ऋण आवेदन पत्र ऑनलाइन भरने हेतु पोर्टल का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि ऋण के लिए अब सरकारी कार्मिकों की गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने इस सम्बंध में सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिये।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल पर जरूरतमंद व्यक्तियों को 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का ऋण स्वीकृत किया जाता है। निगम द्वारा 12 हजार से अधिक व्यक्तियों को लगभग 200 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आज से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सफाई कर्मचारी, विशेष योग्यजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति ऋण हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। पोर्टल पर अब सारा डाटा जनाधार से फेच किया जाता है।

श्री जूली ने कहा कि पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने से पारदर्शिता आएगी। आज सूचना तकनीक के युग में वंचित एवं जरूरतमंद वर्ग को पेंशन, छात्रवृति आदि सुविधाएं सीधे उनके खाते मेें मिल रही है। राज्य सरकार लगभग 94 लाख पेंशनर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रही है और ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से महज 2 मिनट में पेंशन स्वीकृत हो रही है।

आरयूएचएस के तहत संचालित नर्सिंग कॉलेज में 60 नवीन पद सृजित

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जयपुर, 26 जुलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के अंतर्गत संचालित नर्सिंग कॉलेज में 60 नवीन पद सृजित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

श्री गहलोत की इस स्वीकृति से शैक्षणिक पदों में प्रिंसिपल कम प्रोफेसर, वाइस प्रिंसिपल कम प्रोफेसर का एक-एक पद, प्रोफेसर के 2, एसोसिएट प्रोफेसर के 5, असिस्टेंट प्रोफेसर के 9 और नर्सिंग ट्यूटर के 28 पद सृजित होंगे। वहीं, सहायक अनुभागाधिकारी, हॉस्टल वार्डन, वरिष्ठ सहायक व कनिष्ठ सहायक के 2-2, निजी सहायक, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड-2 व लाइब्रेरियन के 1-1 तथा सहायक कर्मचारी के 3 पदों का सृजन किया जाएगा।

प्री-प्राइमरी क्लासेज‘ के लिए शीघ्र मिलेंगे एनटीटी टीचर्स

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स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने वीसी से की प्रगति की समीक्षा- प्रदेशभर के 12 हजार से अधिक शिक्षा अधिकारियों से किया सीधा संवाद, एमजीजीएस में ‘प्री-प्राइमरी क्लासेज‘ के लिए शीघ्र मिलेंगे एनटीटी टीचर्स, 27-28 जुलाई को काउंसलिंग से 4,880 शिक्षकों को होंगे स्कूल आवंटित

जयपुर, 26 जुलाई। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल (एमजीजीएस) में संचालित एक हजार से अधिक बाल वाटिकाओं (प्री-प्राईमरी क्लासेज) में एनटीटी टीचर्स की शीघ्र नियुक्ति की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा रहा है। एनटीटी टीचर्स को तत्परता से जिला आवंटन कर उन्हें बाल वाटिकाओं में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को पढ़ाने का दायित्व सौंपा जाएगा। शासन सचिव नवीन जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को जयपुर में शिक्षा संकुल से प्रदेशभर के 12 हजार से अधिक शिक्षा अधिकारियों की वीसी (वीडियो कांफ्रेंसिंग) के माध्यम से आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई।

श्री जैन ने बैठक में पीईईओ (पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी) से लेकर ब्लॉक, जिला, सम्भाग और राज्य स्तरीय अधिकारियों से विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की प्रगति के बारे में सीधे संवाद करते हुए ‘एमजीजीएस‘ की ‘ब्रांड वैल्यू‘ में निरंतर बढ़ोतरी करने पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में 2700 से अधिक एमजीजीएस का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा 700 से ज्यादा नए इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्वीकृति और जारी की जा चुकी है। इन स्कूलों में संविदा भर्ती के तहत 4 हजार 880 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिला आवंटन की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। आगामी 27-28 जुलाई को काउंसलिंग के जरिए इन शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर दिए जाएंगे, इसके बाद इनको 12 अगस्त तक सम्बंधित एमजीजीएस में ज्वाइन करना होगा। इसके अलावा 10 अगस्त को विभाग के टीचर्स का टेस्ट आयोजित होगा, जिसके आधार पर उनकी एमजीजीएस में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे।

शाला सम्बलन एप के अपडेटेड वर्जन से होगा प्रभावी निरीक्षण-

शासन सचिव ने कहा कि गत दिनों जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में स्कूलों के निरीक्षण की व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए आए सुझावों को शामिल करते हुए ‘शाला सम्बलन एप‘ का अपग्रेडेड वर्जन आगामी 15 दिनों में जारी कर दिया जाएगा। सभी अधिकारियों को निरीक्षण के लिए उन्हें आवंटित स्कूलों के साथ ही रेंडम आधार पर अन्य विद्यालयों और मिड डे मील गतिविधियों के निरीक्षण के लिए अंक देते हुए समग्र मूल्यांकन होगा। ंइससे अधिकारियों को स्कूल निरीक्षण के लिए आवंटित टास्क की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी होगी, जो अधिकारी निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार निरीक्षण नहीं करेंगे, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने स्कूल निरीक्षण के मौके पर ‘एप‘ के जरिए शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति का डाटा फीड करने के साथ ही शाला संचालन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण घटकों का बारीकी से जायजा लेने के निर्देश दिए।

नो बैग डे की गतिविधियों का कैलेंडर

शासन सचिव ने बताया कि सभी स्कूलों में ‘नो बैग डे‘ के तहत शनिवार को संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों के पठन, ‘सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान‘ (गुड टच-बैड टच), तम्बाकू से बचाव, सड़क सुरक्षा और बी-स्मार्ट जैसी गतिविधियों को शामिल करते हुए विस्तृत एवं कैलेंडर आगामी दिनों में जारी किया जाएगा। उन्होंने आगामी दिनों में प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में ‘मेरी लाइफ-मैसिव ट्री प्लांटेशन ड्राइव‘ के तहत विद्यार्थियों के सक्रिय योगदान से अधिक से अधिक पौधे लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें ‘इको क्लब‘ की एक्टिीविज को जोड़े। छात्र-छात्राओं द्वारा लगाए गए पौधों पर उनके नाम की पट्टिका लगाते हुए उन्हें अपने पौधे की देखरेख की जिम्मेदारी वहन करने के लिए प्रेरित करे। बैठक में बताया गया कि इस अभियान के तहत राज्य की स्कूलों में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए वन विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित नर्सरीज से रियायती दर पर पौधे उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना एवं मिड डे मील गतिविधियों के सघन निरीक्षण, शाला दर्पण पोर्टल पर प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के तहत नामांकन डाटा के अपडेशन, छात्रवृति योजनाएं और समग्र शिक्षा की गतिविधियों की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

स्कॉलरशिप मॉड्यूल अब ऑटो मोड पर-

शिक्षा निदेशक कानाराम ने बैठक में बताया कि स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस करते हुए सिस्टम में सुधार के लिए कई इनिशिएटिव लागू किए जा रहे हैं। स्कॉलरशिप मॉड्यूल में बदलावों के बाद यह अब ऑटो मोड पर कार्य कर रहा है। वीसी से विशिष्ट शासन सचिव श्रीमती चित्रा गुप्ता, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला के अलावा राज्य स्तर पर संयुक्त शासन सचिव एवं उप शासन सचिव, अतिरिक्त परियोजना निदेशक, उपायुक्त, अतिरिक्त निदेशक, सम्भाग स्तर से समस्त संयुक्त निदेशक, बीकानेर से शिक्षा निदेशालय के अधिकारी, जिलों से मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं प्रारम्भिक, ब्लॉक स्तर से सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, समस्त पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी और सभी शहरी संकुल प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी जुड़े।

सरकार डिफाल्टर किसानों को भी देगी फसली ऋण

जयपुर, 24 जुलाई। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने सोमवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि यह सही है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के डिफाल्टर कृषकों द्वारा अवधिपार राशि जमा कराने पर उन्हें भी फसली ऋण दिया जा रहा है।
श्री आंजना प्रश्नकाल में विधायक वेदप्रकाश सोलंकी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि विधानसभा क्षेत्र चाकसू में वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक पांच हजार रुपये से कम राशि वाले 12 डिफॉल्टर किसान जिनके द्वारा बकाया ऋण राशि जमा नहीं कराने पर ऋण माफी योजनाओं में सम्पूर्ण ऋण माफ होने पर पुनः फसली ऋण दिया गया है। उन्होंने कहा कि कसी भी डिफॉल्टर किसान की अवधिपार राशि का समायोजन नहीं किया गया है।

विधानसभा के बाहर पूर्वमंत्री का का बयान -मुझे सदन में पीटा गया

गुढ़ा ने सदन में स्पीकर जोशी को दिखाई लाल डायरी, बीच में आये धारीवाल, सदन में हुई धक्कामुक्की, हालात बने हाथापाई के, बीच बचाव, के बाद गुढ़ा को मार्शल के जरिए निकाला बाहर। गुढ़ा ने कहा मेरी डायरी सरकार के मंत्रियों ने छिनी, डायरी में विधायकों को खरीदने के रेट लिखे हैं।


जयपुर, 25 जुलाई। मुझे सदन में पीटा गया। कहा-हमने आपकी सरकार को बचाया है, कांग्रेस के नेताओं को फिल्मों की डायरी छीन ली गई, डायरी को गुंडागर्दी के जरिए छीनी गई, जेल में डालने के लिए मेरे ऊपर झूठे मुकदमे लगाए गए, डायरी को मैं टेबल पर रखना चाहता और जांच कराना चाहता था, मैं कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं।

मामले में विधायक रफीक ने कहा
पहली बार पिता तुल्य धारीवाल पर गुढ़ा हमलावर हुए, मैं और साथी विधायक बीच बचाव नहीं करते तो बहुत बड़ी घटना हो सकती थी, सबसे पहले धारीवाल पर हमला करने के लिए आगे आए थे, उन्होंने धक्का-मुक्की की, इतने हम सभी कांग्रेस विधायक बीच बचाव में आ गए, बहुत बड़ी शर्मनाक घटना घटित हुई है।

गुढ़ा और राठौड़ के बीच सांठगांठ -रंधावा

-सांठगांठ की होगी जांच, दोषी पाए जाने पर राजेंद्र गुढ़ा को निकाला जाएगा पार्टी से बाहर। बर्खास्त करने के बाद गुढ़ा के बोल हुए तीखे, फिर नजर आये आक्रामक

जयपुर 23 जुलाई। विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलने के माामले में मंत्रिमंडल से हुये बर्खास्त राजेंद्र गुढ़ा पर अब संगठन की भी गाज गिर सकती है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गुढ़ा और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया है।
रंधावा ने कहा है कि मामले की जांच की जायेगी। यदि, जांच में गुढ़ा दोषी पाये गए तो उन्हें कांग्रेस पार्टी से भी बाहर निकाला जाएगा। ये बात प्रभारी रंधावा ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। रंधावा ने कहा जांच पीसीसीे अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा करेगें। ये जांच 2 दिन में की जायेगी। जाच के बाद आगे का कार्यवाई अमल ली जायेगी। उन्होने कहा कि सरकार ने अपना कार्य कर दिया है अब संगठन की बारी है।

प्रदेश में पुलिस जनता को लूट रही है -पूर्व मंत्री गुढ़ा

जयपुर 23 जुलाई। मंत्रिमंडल से बर्खास्त होने के बाद पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के तेवर बढ गये हैं। गुढ़ा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को कहा कि सीएम पटट्ी बांध के बैठे हैं और पुलिस जनता को लूट रही है। किसी ढंग के आदमी को गृह मंत्रालय मिलता तो अपराध कम होते। उन्होने आरोप लगाया कि पुलिस शराब की तस्करी करवा रही है। तस्करों को पुलिस सहयोग कर रही है। लोगों से एफआईआर दर्ज करने के नाम पर पैसे ले रही है। एफआईआर से नाम काटने के बदले वसूली की जा रही है।
गुढ़ा ने कहा मैं फिर से कहता हूं महिला अपराध में राजस्थान नंबर वन है और विधानसभा में ऐसा कानून बना दिया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आवाज भी नहीं उठा सकते। सड़क पर प्रर्दशन करनेे वालों को यह सरकार पांच साल जेल में भेजेगी, एसे में फिर जनता की आवाज कौन उठाएगा?
वही दूसरी ओर पूर्व मंत्री गुढ़ा हांसलसर पहुचे वहां उन्होने मृतक युवती के परिजानो से मुलाकात कर कहा सरकार कि मणिपुर की बात कर रही है, यहां घर में सो रही युवती सुरक्षित नहीं है। उन्होने कहा कि सोमवार को मैं विधानसभा में सीएम से आमने-सामने युवती की हत्या पर जवाब मांगूगा और सरकार को हत्या का जवाब देना ही होगा।

सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य

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जयपुर, 22 जुलाई। संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं शहरी परिवारों को एक वर्ष में 125 दिवस का रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत वृद्धजन, विशेष योग्यजन, विधवा एवं एकल महिला को प्रतिमाह न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन की गारंटी के लिए महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना शुरू होगी। इसके लिए राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 लाया गया है।

      श्री धारीवाल शुक्रवार को विधान सभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कानून बनाकर इस तरह की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि इस अधिनियम के लागू होने पर प्रदेश के सभी ग्रामीण परिवारों को मनरेगा योजना के अंतर्गत 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने के बाद 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत प्राप्त हो सकेगा। वहीं, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत शहरी परिवारों को भी 125 दिवस का रोजगार मिलने की गारंटी होगी। उन्होंने बताया कि राज्य में वृद्धजन, विशेष योग्यजन, विधवा एवं एकल महिला को प्रतिमाह एक हजार रुपये न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलेगी। साथ ही,  इसमें 15 प्रतिशत स्वत:   वृद्धि का प्रावधान किया गया है, जो जुलाई में 5 प्रतिशत एवं माह जनवरी में 10 प्रतिशत की दर से होगी। इस वृद्धि की आधार राशि 1000 रुपये होगी। श्री धारीवाल ने कहा कि कानून बन जाने के बाद उपरोक्त प्रावधान जनता को अधिकार के रूप में प्राप्त हो जाएंगे। इस बेमिसाल और ऐतिहासिक कानून से आमजन को बेतहाशा बढ़ती महंगाई से राहत भी मिलेगी।