प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को राहत, नहीं देना होगा अब फ्यूल सरचार्ज

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जयपुर, 10 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। अब घरेलू व कृषि बिजली उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज नहीं देना होगा। फ्यूल सरचार्ज की 2500 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री ने गुरूवार को बिडला ऑडिटोरियम में इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के शुभारंभ समारोह में यह घोषणा की। उल्लेखनीय है कि राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट एवं किसानों को 2000 यूनिट तक बिजली प्रतिमाह निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। पूर्व में मुख्यमंत्री ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज व अन्य शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी। अब इसका दायरा और बढ़ाते हुए समस्त घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं के लिए फ्यूल सरचार्ज समाप्त करने की घोषणा की गई है।

अनुजा निगम से ऋण लेने के आवेदन 31 अगस्त तक

जयपुर, 10 अगस्त। राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड जयपुर द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राष्ट्रीय निगमों के ऋण आवेदन 31 अगस्त 2023 स्वीकार किये जाएंगे।
अनुजा निगम के परियोजन प्रबंधक ने बताया कि ऋण आवेदन हेतु पोर्टल दिनांक 26 जुलाई 2023 से 31 अगस्त 2023 तक खोला गया है। जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के पात्र व्यक्ति विभिन्न उद्योग, व्यवसाय एवं सेवा कार्य में ऋण सहायता हेतु नगम पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

इच्छुक आवेदक ई-मित्र या स्वयं की एसएसओ आईडी के माध्यम से राज्य सरकार के एसएसओ पोर्टल पर अनुजा निगम की साइट पर आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए जिला कार्यालय अथवा स्थानीय पंचायत समिति/नगर पालिका कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

निजी अस्पताल और प्राइवेट सेक्टर पार्किंग एरिया में भी सोलर पैनल लगा बचा रहे लाखों रुपए की बिजली, इच्छाशक्ति हो तो सरकारी भवनों में भी बचत संभव

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-सोलर सिस्टम से बिजली बचाने में निजी संस्थानों की बढ़ रही भागीदारी

-बड़े अस्पतालों, होटल और कॉमर्शियल संस्थानों में हो रहा नया प्रयोग

जयपुर। सरकारी भवनों में सोलर एनर्जी का दायरा बढ़ने के बीच पार्किंग स्थलों पर सोलर प्लांट्स से बिजली बनाने में प्राइवेट सेक्टर भी अब आगे आ रहे हैं। एक ओर जहां सरकारी भवनों के ढांचागत निर्माण की वजह से पार्किंग में सोलर पैनल नहीं लग पा रहे हैं, वहीं प्राइवेट अस्पताल, बिल्डिंग्स और अन्य भवनों का निर्माण ही इस तरह से किया जा रहा है, जिससे वहां पार्किंग एरिया में सोलर पैनल लग सकें और बिजली का उत्पादन होने के साथ ही बिजली की बचत भी हो। वहीं इसके इतर सरकारी भवनों में इच्छा शक्ति की कमी की वजह भवनों का ढांचा ही इस तरह बनाया जाता है कि पार्किंग एरिया जैसी बड़ी जगहों पर सोलर पैनल नहीं लग पाते और लाखों यूनिट बिजली का उत्पादन इससे कम हो रहा है। सरकारी नजरिए में बदलाव आए तो आगामी दिनों में पार्किल स्थलों से सस्ती सोलर बिजली बनाकर बिल में और अधिक कमी जा सकती है। 

निजी सेक्टर दिखा रहे राह:

शहर का रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल सेव एनर्जी मुहिम में अपना खास योगदान दे रहा है। पार्किंग एरिया में सोलर पैनलों के उपयोग से न केवल हॉस्पिटल अपनी ऊर्जा संचय कर रहा है, बल्कि प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रहा है। हॉस्पिटल में स्थापित 960 किलोवाट के 2880 सोलर पैनल प्रतिमाह हजारों यूनिट बिजली पैदा करते हैं, जिससे सालाना लाखों यूनिट बिजली बचती है। इस योजना के माध्यम से अस्पताल में न सिर्फ  सोलर एनर्जी उत्पादित होती है, बल्कि यहां के मरीजों की गाड़ियों को भी छाया मिलती है, जिससे उन्हें सुखद और आरामदायक अनुभव होता है। हॉस्पिटल के वाइस प्रेसिडेंट और यूनिट हेड अनुभव सुखवानी ने बताया कि सोलर पैनल पर्यावरण को बचाने में भी एक बड़ा माध्यम है। इस पहल के माध्यम से हमने लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है। इसके परिणाम स्वरूप पॉल्यूशन की मात्रा भी कम हो रही है और हॉस्पिटल में एक स्वच्छ वातावरण बना है। इसी तरह से प्रदेश के कई निजी अस्पताल, होटल और अन्य कॉमर्शियल संस्थान अपनी पार्किंग में सोलर पैनल लगाकर सस्ती बिजली बना रहे हैं।

भवनों की छाया और पेड पार्किंग में सोलर लगाने में बड़ी बाधा:

सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम लगाने के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड के माध्यम से यूनिट रेट तय होती है। करीब तीन-चार साल पहले करीब 20 सरकारी भवनों में करीब सवा चार रुपए प्रति यूनिट दर से सोलर सिस्टम को मंजूरी दी गई। अन्य सरकारी भवनों पर सिस्टम के लिए नई रेट इस महीने तय होगी। अक्षय ऊर्जा निगम अफसरों का कहना है कि हम केवल रेट तय करते हैं। विभागों को सोलर डवलपर से निविदा आधार पर सिस्टम लगवाना होता है। सरकारी भवनों में अधिकांश पार्किंग में छाया रहने और पेड़ों के होने के कारण सोलर पैनल अपेक्षाकृत बिजली उत्पाादन नहीं करते। प्राइवेट सेक्टर में पार्किंग में ऐसी बाधाएं कम होने के कारण सोलर पैनल सफल हो रहे हैं। 

4500 किलोवाट उत्पादन को और बढ़ाने की तैयारी:

सरकारी कार्यालयों, विश्वविद्यालय-कॉलेज, अस्पतालों में अभी करीब 4500 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। राज्य सरकार की सभी सरकारी भवनों में सोलर पैनल लगाने की मंशा है, ताकि बिजली बिलों का आर्थिक भार कम किया जा सके। इसके लिए छह अलग-अलग चरणों में प्रक्रिया पूरी की जानी है। सोलर डवलपर को सिस्टम लगाने के बाद 25 साल तक रखरखाव भी करना होता है। प्रदेशभर के सरकारी भवनों की क्षमता 50 मेगावाट तय की गई है। कुछ भवनों में अक्षय ऊर्जा निगम से मंजूरी और कुछ भवनों में रील के जरिए सोलर सिस्टम लगाया जाता है। 

इनका कहना है…..

सरकारी भवनों के लिए करीब चार साल पहले करीब सवा चार रुपए प्रति यूनिट सोलर बिजली रेट तय की थी। अन्य भवनों के आवेदन के लिए रेट इस महीने तय होगी। पार्किंग स्थलों पर पैनल से बिजली उत्पादन बढ़ सकता है, लेकिन विभाग प्रमुखों को डवलपर से चर्चा के बाद फैसला लेना होता है। पार्किंग में शेडो और अन्य कारणों से कई बार उत्पादन कम होता है। 

-राजीव सिंह, एक्सईएन, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम।

महामारी के रूप में फैल रहा आई फ्लू

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अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स में आई ड्रॉप्स का टोटा, मरीज परेशान

जयपुर। प्रदेश में पहली बार आई फ्लू का संक्रमण इस कदर तेजी से फैला है कि हर दूसरा व्यक्ति इस संक्रमण का शिकार हो चुका है। हर घर में आई फ्लू के मरीज देखने को मिल रहे हैं। स्कूलों, दफ्तरों, अस्पतालों सभी जगहों पर इन दिनों लोग काला चश्मा लगाए आई फ्लू संक्रमण से जूझते दिखाई पड़ रहे हैं। एक ओर जहां अस्पतालों की नेत्र विभाग की ओपीडी में मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है वहीं डॉक्टर्स को दिखाने के बाद मरीज आई ड्रॉप्स के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और उन्हें दवा नहीं मिल पा रही है। बाजार में इन आई ड्रॉप्स की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। मरीज पर्चियां लिए इस मेडिकल स्टोर से उस मेडिकल स्टोर पर भटक रहे हैं लेकिन कहीं लोेकल ब्रांड तो कही सस्ते स्टेरॉयइड वाली आई ड्रॉप्स मरीजों को दी जा रही है। अचानक से आई ड्रॉप्स की इतनी ज्यादा खपत होने से चिकित्सकों के साथ ही दवा विक्रेता भी हैरान हैं। दवा विक्रेताओं का कहना है कि आई ड्रॉप्स का अमूमन इतना स्टॉक नहीं होता है और अचानक से आई फ्लू संक्रमण इतनी तेजी से फैला है कि खपत के अनुपात में आपूर्ति गड़बड़ा गई है और दवा की शॉर्टेज हो गई है।

सरकारी अस्पतालों में भी हाल खराब

आईफ्लू के बढ़ते संक्रमण के बीच एसएमएस अस्पताल, जयपुरिया समेत अन्य सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरियों के अलावा बाजार में इस संक्रमण से बचाव के लिए काम आने वाली दवा का टोटा हो गया है। इन अस्पतालों में डॉक्टर जिन दवा का परामर्श दे रहे हैं वे ही यहां नहीं मिल रही हैं। मजबूरन मरीजों को अस्पताल से बाहर दूसरी वैकल्पिक दवा लेनी पड़ रही हैं। सबसे ज्यादा परेशानी आईड्रोप को लेकर हो रही है।

एसएमएस में रोजाना 200 से 300 मरीज

बरसात के मौसम में नमी के कारण एडिनो वायरस पनप रहा है। इस वायरस के कारण इन दिनों घर-घर में आईफ्लू से ग्रस्त मरीज मिल रहे हैं। ये हर उम्र के लोगों को चपेट में ले रहा है। अस्पतालों की ओपीडी में 30-40 फीसदी मरीज आईफ्लू से पीड़ित आ रहे हैं। सवाई मानसिंह अस्पताल के चरक भवन, जयपुरिया अस्पताल, कांवटिया अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में ऐसा ही हाल देखा जा रहा है। एसएमएस अस्पताल के नेत्ररोग विशेषज्ञों का कहना है कि आईफ्लू के रोजाना 200 से 300 मरीज पहुंच रहे हैं इसलिए आई ड्रोप की कमी आ गई है। डिमांड भेज दी है। जल्दी समाधान हो जाएगा।

इन आई ड्रॉप्स की है भारी शॉर्टेज

मेडिकल स्टोर्स से इन दिनों आंखों के संक्रमण में काम आने वाली एंटिबायोटिक सिपलोक्स, मोक्सीसिप, ऑक्यूरेस्ट, ऑक्यूरेस्ट प्लस, टोबा, ऑक्यूपोल आोइंटमेंट जैसी प्रचलित आई ड्रॉप्स की किल्लत चल रही है। इसकी एवज में मेडिकल स्टोर संचालक मरीजों को इनका सब्स्टीट्यूट देकर काम चला रहे हैं।

प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में, नये पदों की स्वीकृति हुई जारी

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जयपुर, 9 अगस्त। राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को औद्योगिक प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें रोजगार से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के विस्तार के विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की है।
मुख्यमंत्री की स्वीकृति से 19 नवीन आईटीआई में एक व्यवसाय में एक यूनिट के लिए 38 पदों का सृजन किया जा रहा है। इनमें, हरसोली (खैरथल-तिजारा), पूगल (खाजूवाला), श्रीकोलायत, नैनवा, अणवाणा (औसियां), नोहर, धोद (सीकर), नीमका थाना, उमरैण, विजयपुर, लाखनपुर, रामगढ़ पचवारा (लालसोट), मोहनगढ़ (जैसलमेर), साहडोली (रामगढ़), नाहरगढ़ (बारां), फूलवारा (भरतपुर), रामसागड़ा (डूंगरपुर), भटेवर (उदयपुर), गागरिया (शिव-बाड़मेर) में अधीक्षक और व्यवसाय अनुदेशक के एक-एक स्वीकृत किए गए हैं।

श्री गहलोत ने विभिन्न आईटीआई में माईनिंग और इलेक्ट्रिक ट्रेड में पदों के सृजन और मशीनरी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इनमें आईटीआई किशनगढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, जालौर, सिरोही में माइनिंग ट्रेड के लिए 9.28 करोड़ रुपए लागत से मशीन और उपकरण खरीदे जाएंगे। इनमें व्यवसाय अनुदेशक के 8 पदों का सृजन किया गया है।
इसके साथ ही महिला आईटीआई अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, उदयपुर, टोंक, आरआई केंद्र जयपुर, बेसिक ट्रेनिंग सेंटर कोटा में मशीनरी, साज सामान एवं उपकरण खरीद के लिए 1.47 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। व्यवसाय अनुदेशक के 7 पद सृजित किए गए हैं। राजकीय आईटीआई अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर और उदयपुर में रिमोटली पायलटेड एयरक्रॉफ्ट/ड्रोन पायलट व्यवसाय संचालन के लिए 3.68 करोड़ रुपए लागत से मशीनरी और उपकरण खरीद जाएंगे। इनके लिए 7 व्यवसाय अनुदेशक के पदों का सृजन किया जाएगा। वहीं, जिला मुख्यालयों पर स्थित राजकीय आईटीआई अजमेर, नागौर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, दौसा, जयपुर, झुंझुनूं, सीकर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही, बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, राजसमंद, उदयपुर, टोंक, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में सोलर टेक्निशियन व्यवसाय संचालित होगा। इनके लिए 6.60 करोड़ रुपए लागत से मशीनरी, साज-सामान एवं उपकरण खरीदे जाएंगे। इनके लिए 33 व्यवसाय अनुदेशक पदों का भी सृजन होगा।

12 अगस्त को मुख्यमंत्री करेंगे विधायक आवास परियोजना लोकार्पण

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Chief Minister will inaugurate MLA housing project on August 12

जयपुर,9 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान आवासन मंडल द्वारा विधानसभा के सामने स्थित नवनिर्मित ‘विधायक आवास परियोजना‘ का 12 अगस्त को सायं 6ः30 बजे लोकार्पण करेंगे।
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इस अवसर पर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे।

श्री अरोड़ा ने बताया कि कार्यक्रम में वर्तमान एवं पूर्व विधायकगण, सांसदगण, जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण भी शिरकत करेंगे। उन्होंने परियोजना के बारें में जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट अत्याधुनिक सुविधाओं एवं सुरक्षा उपकरणों से सुसज्जित है। साथ ही इस परियोजना के अर्न्तगत छह बहुमंजिला इमारतों (जी+8) में 3 हजार 200 स्क्वायर फीट वाले कुल 160 आवास बनाए गए हैं।

निलंबित महापौर मुनेश गुर्जर हाई कोर्ट की शरण में

नगर निगम जयपुर हेरिटेज की निलंबित महापौर मुनेश गुर्जर सरकार के निलंबन आदेश को लेकर हाई कोर्ट की शरण में गई है। गुर्जर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि एसीबी ने FIR में मुझे आरोपी भी नहीं माना है और सरकार ने उनके निलंबन से पूर्व कोई जांच भी नहीं की, गलत तथ्यों के आधार पर मेरा निलंबित किया गया है।
वहीं स्वायत्त शासन विभाग ने प्रथमदृष्ट्या महापौर की संलिप्तता मानी है। आदेश में विभाग ने लिखा था कि पट्टे बनाने की एवज में मेयर पति सुशील गुर्जर को महापौर की मौजूदगी में उनके घर से 2 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। सरकार ने प्रकरण की जांच करवाने का निर्णय लिया हैं। ऐसे में गुर्जर के महापौर पद पर बने रहने से विचाराधीन जांच को प्रभावित करने की पूर्ण संभावना हैं। इसलिए उन्हें निलंबित किया जाता हैं।

दूसरी ओर राज्य सरकार ने पहले से ही कैविएट दायर कर रखी हैं। ऐसे में हाई कोर्ट महापौर की याचिका पर कोई भी आदेश देने से पहले सरकार का पक्ष सुनेगा। सरकार को पहले से ही अंदेशा था कि कहीं मुनेश गुर्जर को निलंबन आदेश पर स्टे नहीं मिल जाए।

आरएएस भर्ती परीक्षा—2023 का आयोजन 1 अक्टूबर को प्रस्तावित

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जयपुर, 8 अगस्त। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2021 की मुख्य परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों के साक्षात्कार का तृतीय चरण 21 अगस्त से 6 सितंबर 2023 तक आयोजित किया जाएगा। अभ्यर्थियों के साक्षात्कार-पत्र आयोग की वेबसाइट पर यथा समय अपलोड कर दिए जाएंगे।
आयोग सचिव ने बताया कि तृतीय चरण में 352 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार का आयोजन निर्धारित कार्यक्रमानुसार किया जाएगा। साक्षात्कार के समय अभ्यर्थी अपने समस्त मूल प्रमाण-पत्र मय फोटो प्रति साथ अवश्य लाएं अन्यथा साक्षात्कार से वंचित कर दिया जाएगा। वे अभ्यर्थी जिन्होंने विस्तृत आवेदन-पत्र आयोग को प्रस्तुत नहीं किए हैं, वे विस्तृत आवेदन-पत्र आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड कर साक्षात्कार के समय दो प्रतियों में मय समस्त प्रमाण-पत्रों की फोटो प्रतियों सहित आवश्यक रूप से प्रस्तुत करें।
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2023 का आयोजन 1 अक्टूबर 2023 को किया जाना प्रस्तावित है। परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम समय जारी कर दिया जाएगा।
आयोग सचिव ने बताया कि इस परीक्षा के तहत राज्य सेवाओं के 424 एवं अधीनस्थ सेवाओं के 481 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन 28 जून 2023 को जारी किया गया था। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 तक 6 लाख 97 हजार 51 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं।

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में प्लास्टिक उत्पादों पर रोक, अंदर ले जाने पर जमा करवाने पड़ते हैं 50 रुपए प्रति उत्पाद

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जयपुर,8 अगस्त। पक्षियों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध जिला भरतपुर में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में देश-विदेश से हजारों की संख्या में पक्षी प्रतिवर्ष आते है। ऐसे में केवलादेव ने विश्वस्तरीय पर्यटन के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान कायम की है। स्थानीय भाषा में घना पक्षी विहार के नाम से पहचान रखने वाला केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान न केवल भरतपुर के लिए बल्कि सम्पूर्ण राज्य के लिए पर्यटन और आय का एक बड़ा साधन है। वेटलैंड्स, ग्रासलैंड्स के साथ इतिहास की घटनाओं को अपने आंचल में समेटे हुए केवलादेव पक्षियों के साथ चीतल, सांभर, अजगर एवं विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों का घर है। फ़्लोरा एवं फोना से समृद्ध घना यूं तो कई बार पानी की कमी से जूझा, परन्तु प्रशासनिक चेतना एवं सतर्कता के साथ समय रहते घना को बचा लिया गया। इस सबके बीच सबसे बड़ी चुनौती थी, केवलादेव को प्लास्टिक से बचाना। पर्यटकों के साथ पार्क के अंदर जाने वाला प्लास्टिक कई बार उनकी नासमझी की वजह से वन्यजीवों के लिए खतरा साबित होता है। हालाँकि केवलादेव उद्यान प्रशासन द्वारा समय-समय पर सफाई करवा कर एवं जगह-जगह डस्टबिन रखवाकर इस खतरे को रोकने के प्रयास किये जाते रहे हैं।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक मानस सिंह द्वारा अनूठी पहल कर घना को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। श्री मानस ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटकों द्वारा पार्क में लाये जाने वाले उत्पादों की प्रवेश द्वार पर चेकिंग की जाती है एवं प्रत्येक प्लास्टिक निर्मित उत्पाद पर 50 रुपये प्रति उत्पाद फीस जमा कर एक टैग लगा दिया जाता है। जब पर्यटक पार्क भ्रमण कर लौटते हैं तो टैग लगे हुए प्लास्टिक उत्पाद की वापसी सुनिश्चित की जाती है अन्यथा 50 रुपए जब्त कर लिए जाते हैं। उन्होंने बताया की इस पहल के परिणामस्वरूप पार्क में प्लास्टिक अब न के बराबर है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण से पार्क को बचाया जा रहा है।

महिलाओं और कमजोर वर्ग के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता —मुख्यमंत्री

जयपुर, 08 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि निर्धारित समय से अधिक वक्त तक खुलने वाले बार एवं नाइट क्लबों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इन क्लबों के प्रबंधकों के साथ मालिकों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर ऐसे क्लबों का लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।

श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि महिलाओं और कमजोर वर्ग के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को स्पेशल ऑपरेशन चलाकर मनचलों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। श्री गहलोत ने कहा कि ऐसे मनचलों का रिकॉर्ड संधारित किया जाए और चरित्र प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ में लिप्त होने का उल्लेख किया जाए। उन्होंने कहा कि आदतन मनचलों पर सरकारी नौकरी से अयोग्य घोषित करने तक की कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भीलवाड़ा की घटना दुखद है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है और अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री गहलोत ने कहा कि उक्त घटना को राजनैतिक रंग देने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो कि उचित नहीं है।