राजस्थान में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तीन लाख करोड़ रुपए के निवेश के ऐतिहासिक एमओयू पर मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और यूएई के निवेश मंत्री मोहम्मद हसन अल सुवैदी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। यह निवेश प्रदेश के पश्चिमी जिलों में 60 गीगावाट क्षमता की सोलर, विंड और हाइब्रिड परियोजना की स्थापना के लिए किया जाएगा।
यूएई के निवेश मंत्री सुवैदी और उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह ऐतिहासिक एमओयू अक्षय ऊर्जा से संबंधित आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करते हुए एक दीर्घ अवधिक विद्युत परियोजना की स्थापना के माध्यम से प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से किया गया। इस पहल के अंतर्गत यूएई एक योग्य एवं सक्षम डेवलपर की नियुक्ति भी करेगा जो प्रदेश में शासन-प्रशासन के स्तर पर समन्वय स्थापित कर परियोजना को तेजी से साकार रूप प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और यूएई के बीच आर्थिक, वाणिज्यिक और रणनीतिक साझेदारी और गहरी हुई है। यूएई, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत से होने वाले निर्यात में यूएई दूसरे पायदान पर है। यह दोनों देशों के संबंधों की प्रगाढ़ता को दर्शाता है। वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच हुए व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) से द्विपक्षीय व्यापार के नए अवसर खुल रहे हैं।
यूएई के निवेश मंत्री ने कहा कि नवीकरणीय संसाधनों से ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। पारंपरिक ऊर्जा से अक्षय ऊर्जा की ओर इस बदलाव में यूएई महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राजस्थान की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों के लिए सर्वथा उपयुक्त हैं। निश्चित रूप से ये नवाचार ही आगे चलकर ऊर्जा क्षेत्र की तस्वीर बदलेंगे।