जलमहल की पाल पर केसरिया बालम आओ नी पधारे म्हारे देश….जैसे राजस्थानी गीतों की जैसे ही शुरुआत हुई, दर्शकों को सभा मौजूद सैकड़ों लोगो की तालियों गड़गड़ाने लगी। मौका था जयपुर स्थापना के 297 साल पूरे होने पर जल महल की पाल पर आयोजित गौरबंद सांस्कृतिक कार्यक्रम का। कार्यक्रम के दौरान राजस्थानी कलाकारों ने कालबेलिया, घूमर, भवई, चरी नृत्य कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। वहीं, राजस्थानी गायिका सुप्रिया और दिलबर हुसैन ने हिचकी, चांद चढ़यो गिग्नार, कुंवे पर एकली जैसे गीत गाकर दर्शकों की तालियों बटोरी।
आयोजन के दौरान महापौर कुसुम यादव ने कहा कि जयपुर स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत 18 अक्टूबर से 18 नवंबर तक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने जल महल की पाल पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत कर समस्त जयपुरवासी को शुभकामना देते हुए कहा कि हमें हमारे शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाना है। इसकी शान और ऊंची हों। इसके लिए कचरा फैलाने वाले हर व्यक्ति के साथ रोको और टोको अभियान की शुरुआत करनी होगी। दीपावली का त्यौहार आ रहा है। घर घर में सफाई अभियान चलाया जा रहा है। मां लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा। अन्न धन की कामना की जाएगी। ऐसे में हमें हमारे शहर को भी स्वच्छ रखना है, जिससे गुलाबी नगरी का नाम स्वच्छता में हों और इस बार हमारी रैंक नंबर आएं।