सवाई मानसिंह अस्पताल से संबद्ध मनोचिकित्सा केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा। इसके लिए आईटी एवं तकनीक आधारित सेवाओं का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, यहां प्रस्तावित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण कार्य भी शीघ्र शुरू किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने गुरूवार को मनोचिकित्सा केंद्र, जयपुर के निरीक्षण एवं यहां आरएमआरएस की कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में मनोचिकित्सा का प्रमुख केंद्र है। यहां प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाए, ताकि रोगियों को यहां सुगमतापूर्वक उपचार मिले।
आईएचएमएस लागू करें, केंद्र को रैफरल यूनिट के रूप में विकसित करें
श्रीमती सिंह ने अस्पताल में इंटीग्रेटेड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने, हर मरीज की आभा आईडी बनाए जाने तथा सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में बनाए गए रामाश्रय वार्डों के साथ समन्वय कर यहां भी जीरियाट्रिक वार्ड का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ मनोचिकित्सा केंद्र को रैफरल यूनिट के रूप में विकसित करने पर बल दिया, ताकि यहां मौजूद संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके।
पीएम जनऔषधि केंद्र स्थापित करें, टेलीमानस का हो व्यापक प्रचार-प्रसार
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अस्पताल में संचालित टेलीमानस हैल्पलाइन सेंटर का निरीक्षण करते हुए निर्देश दिए कि इस सेवा का एक केंद्र कोटा में संचालित किए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाए, ताकि वहां अध्ययनरत युवाओं को तनाव के पलों में समुचित परामर्श मिल सके। उन्होंने कहा कि टेलीमानस हैल्पलाइन सेवा एवं मनोचिकित्सा संबंधी गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, अस्पताल परिसर में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र की स्थापना करने तथा रोगियों एवं उनके परिजनों की सुविधा के लिए पीपीपी मोड पर कैफेटेरिया संचालित किए जाने के निर्देश दिए।
आरएमआरएस से होंगे तात्कालिक आवश्यकता के कार्य
बैठक के दौरान अस्पताल परिसर में टॉयलेट्स की मरम्मत एवं तात्कालिक आवश्यकता से संबंधित अन्य मेंटीनेंस कार्यों के लिए आरएमआरएस से राशि का उपयोग लेने की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही, मानव संसाधन सहित अन्य अति आवश्यक प्रकृति के कार्यों के लिए भी नियमानुसार आरएमआरएस की राशि का सदुपयोग करने के निर्देश दिए गए।