पहले भवन निर्माण करो, फिर स्वीकृति के लिये आवेदन करो

0
73
TV News Rajasthan

सुर्खियों में रहना नगर निगम हैरिटेज के लिये कोई खास बात नहीं है। लेकिन सुर्खियों में लगातार बना रहना बड़ी बात। सुर्खियों के क्रम में एक और गम्भीर मामला संज्ञान में आया है। निगम क्षेत्र में अवैध भवन निर्माणकर्ता ने पहले अपने तरीके से निर्माण किया, फिर स्वीकृति के लिये आवेदन किया। और इस दौरान निर्माण कार्य भी चलता रहा। वो भी निगम आयुक्त सहित सभी स्तर के अधिकारियों के संज्ञान के बाद भी।

मामला घाटगेट के पास छप्पर बन्दो का रास्ता भूखण्ड संख्या 1502 और भूखण्ड का क्षेत्रफल लगभग 40 बाई 90 का है। इस भूखण्ड पर श्रीमती राबिया बेगम पत्नि वाहिद खान ने बिना भवन स्वीकृति के तीन मंजीला भवन का निर्माण कर लिया। जब ये चर्चा आम हुई तो निगम का दस्ता 06 मई 2024 को मौके पर पहुंचा और जांच करके अवैध निर्माणकर्ता को दो दिवस में स्वीकृति और स्वामित्व सम्बंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का नोटिस दे कर लौट आया। नोटिस की रस्म अदायगी के बाद अपायुक्त आर्दश नगर जोन द्वारा दिनांक 13 मई 2024 को पत्र के ज​रीए अतिरिक्त मुख्य नियोजक को अग्रिम कार्यवाही के लिये फाइल प्रस्तुत की गई।

सवाल ये है कि जब स्वीकृति थी तो 06 मई 2024 को अवैध निर्माणकर्ता को नोटिस क्यों दिया गया?
दूसरा सवाल जब भवन स्वीकृति की समस्त कार्यवाही नहीं हुई थी तो निर्माण कार्य को रोका क्यों नहीं गया? जबकि जांच दस्ता ने अपनी रिपोर्ट में साफ उल्लेख किया किया कि निर्माण अवैध है।

क्या कहते हैं नियम :—
नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 194—7 एफ/ 285 के तहत ऐसे अवैध निर्माणों को सीज या धवस्त किया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here