मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आमजन को परिवहन के सुगम साधन उपलब्ध करवाने और निर्बाध यातायात व्यवस्था के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। इसके लिए आवश्यक सुविधाओं और मानव संसाधन की किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समय के साथ शहरों की बढ़ती जनसंख्या और विस्तार को ध्यान में रखते हुए यातायात एवं परिवहन व्यवस्था के लिए दूरगामी सोच के साथ कार्ययोजना आवश्यक है। इसके लिए संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर जयपुर शहर में सुगम यातायात प्रबंधन को लेकर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी और प्रमुख शहर होने के कारण जयपुर में यातायात दबाव अन्य शहरों की तुलना में अधिक है। यहां की यातायात समस्या का स्थाई समाधान निकालने के लिए चरणबद्ध रूप से प्लानिंग बनाकर कार्य करना आवश्यक है।
व्यवस्ता बाधित होने की समस्या के सटीक और स्थाई समाधान के लिए आवश्यक है कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सुदृढ़ हो। आमजन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए त्वरित और सुगम परिवहन संसाधन उपलब्ध हो, जिससे वे निजी वाहनों की बजाए सार्वजनिक परिवहन से सफर करने को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम में नई सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक बसों को जल्द से जल्द शामिल किया जाए ताकि लोगों को सुचारू एवं प्रदुषण मुक्त परिवहन सेवा उपलब्ध हो सके।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में यातायात व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए यातायात पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए। तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में होमगार्ड और आरएसी बटालियन के जवानों को यातायात संचालन के लिए लगाया जाए। उन्होंने कहा कि शहर के प्रमुख चौराहों और स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ायी जाकर यातायात नियमों को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। श्री शर्मा ने कहा कि शहर के प्रमुख मॉल्स, अस्पतालों आदि के बाहर गलत ढंग से वाहनों की पार्किंग से यातायात व्यवस्था बाधित होती है। अतः लोगों को निर्धारित पार्किंग स्थल में ही वाहन खड़ा करने के लिए पाबंद किया जाए।