-महेश झालानी
भांकरोटा के पास हुए हादसे के लिए निश्चित रूप से किसी न किसी विभाग के अधिकारी की लापरवाही अवश्य रही होगी। फिर भी राज्य सरकार ने किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यो नही की, यह रहस्य का विषय है। यह एक ऐसा संवेदनशील मामला है जिस पर मुख्यमंत्री को न केवल त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए बल्कि लापरवाह और भ्रस्ट अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज करना अपेक्षित है।
राज्य के उच्च न्यायालय ने तो इस संबंध में कार्रवाई करदी, लेकिन सरकार की लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रूह कांप रही है। केवल मौके पर जाने या टेसुए बहाने मात्र से सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नही हो जाती है। सरकार को यह भी दर्शाना जरूरी है कि वह लापरवाह और अकर्मण्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है।
कतिपय समाचार पत्रों ने पुलिस की बंधी का खेल बेबाकी से उजागर कर दिया है। इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नही होना यह जाहिर करता है कि सरकार मृतको और उनके परिवाजनों के प्रति कतई संवेदनशील नही है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे लापरवाह अफसरों को घर बैठाने की प्रक्रिया प्रारम्भ करें ताकि भविष्य में फिर कभी पैसों के लिए लोगो को जिंदा जलाने की हिमाकत नही कर सके।