राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि लोकमत मीडिया समूह के संस्थापक स्व. श्री जवाहरलाल दर्डा व्यक्ति नहीं, अपने आप में संस्था थे। उन्होंने कहा कि प्रखर पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी के साथ उनमें हरेक को सहज अपना बना लेने का गुण था। उन्होंने सोमवार प्रात: स्व.दर्डा की पुण्यतिथि पर उनके प्रेरणा स्थल पर आयोजित प्रार्थना सभा में उन्हें अपने श्रद्धा—सुमन अर्पित किए और कहा कि पत्रकारिता के स्वस्थ मूल्यों के साथ उन्होंने ‘लोकमत’ समाचार पत्र की जो नींव रखी वह आज भी कायम हैं।
राज्यपाल सोमवार को ‘लोकमत मीडिया समूह’ द्वारा आयोजित स्व. दर्डा की पुण्यतिथि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्व. दर्डा राजनीति में रहे परन्तु सभी दलों और असहमति के साथ भी सहमति रखने का उनका गुण उन्हें सबका चहेता बनाता था। उन्होंने उनसे जुड़े आत्मीय संबंधों को स्मरण करते हुए यवतमाल में आजादी आंदोलन में रही उनकी सक्रिय भूमिका को भी रेखांकित किया।
श्री बागडे ने कहा कि ‘लोकमत’ ने विचार—स्वतंत्रता के साथ साहित्य, संस्कृति और कलाओं को निरंतर प्रोत्साहित किया है। स्व. दर्डा द्वारा स्थापित इस मीडिया समूह के आरंभ से ही पत्रकारिता से जुड़े मूल्य ऐसे रहे हैं, जिसमें निष्पक्ष रूप में सभी के विचारों की स्वतंत्रता को महत्व दिया जाता रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि स्व. दर्डा ने अपनी पूरी ऊर्जा पत्रकारिता के स्वस्थ मूल्यों को दी। पत्रकारिता के उच्चतम मापदंडों का हमेशा पालन किया। सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। उनके पुत्र विजय दर्डा भी उनकी राह पर चलते ही ‘लोकमत’ मीडिया समूह के अंतर्गत पत्रकारिता के स्वस्थ मूल्यों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री पद पर रहते हुए स्व. दर्डा के किए कार्यो की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने ‘उद्योग एस्टेट’ स्थापित किए। उनके कार्यकाल में ही नासिक और संभाजीनगर शहरों में औद्योगिकीकरण शुरू हुआ। आज संभाजीनगर के औद्योगिक एस्टेट में सैकड़ों उद्योग लग रहे हैं, इसकी नींव स्व. दर्डा ने ही रखी। जवाहरलाल दर्डा (बाबूजी) जी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि हम उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए पत्रकारिता और जीवन के स्वस्थ मूल्यों की ओर आगे बढें। वहीं लोकमत समूह के विजय दर्डा, राजेंद्र और देवेंद्र दर्डा ने सभी का आभार जताया।
आपको बतादें कि लोकमत मीडिया समूह के संस्थापक स्व.श्री जवाहरलाल दर्डा मूलरूप से राजस्थान के ही रहने वाले है। श्री दर्डा राजस्थान के लिये भी समर्पण भाव रखते थे। वर्तमान में विजय दर्डा भी राजस्थान के प्रति उत्तम विचार रखते है।