मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महिला दिवस (8 मार्च) के उपलक्ष्य पर प्रदेश की आधी आबादी की चुनिंदा महिला प्रतिनिधियों से संवाद कर उनकी अपेक्षाओं और उपलब्धियों पर सार्थक चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत और विकसित राजस्थान-2047 की गौरव यात्रा महिलाओं के योगदान के बिना पूर्ण नहीं हो सकती। उनकी उम्मीदों को खुला आसमां देने और हर अवसर में उनकी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रहे हैं। इन योजनाओं से प्रदेश की माताओं और बेटियों के जीवन में समृद्धि का नया सवेरा हो रहा है। इस अवसर पर महिला प्रतिनिधियों ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में लागू की जा रहीं राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के लिए मुख्यमंत्री का हृदयतल से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने महिला उद्यमियों, राजीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी और लखपति दीदी योजना की लाभार्थी महिलाओं, रेडियो जॉकी, टीवी एंकर, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर, महिला खिलाड़ियों, साहित्य, शैक्षणिक, कला जगत, स्वयं सेवी संस्थाओं, सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत तथा राजनीतिक क्षेत्र में अपनी साख एवं धाक से प्रदेश को गौरवान्वित कर रही महिलाओं से मुख्यमंत्री निवास पर संवाद किया।
सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्रों और हमारी सनातन संस्कृति में महिलाओं को पहले स्थान पर रखा गया है। किसी भी गांव, पंचायत, जिला, प्रदेश या देश को आगे बढ़ाने में आधी आबादी यानी महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है। उन्होंने कहा कि अंतिम पंक्ति में खड़ी हमारी बहनों का भला करना ही हमारी सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही हैं, उनकी बात सुनकर माताओं-बहनों में विश्वास पैदा होता है और उनका उत्साह बढ़ता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर अपना स्थान बनाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का ध्येय बेहतर योजनाएं लाकर गांव-शहर और प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाना है, इसमें महिलाओं को बड़ी भूमिका निभानी है। उनके अंदर काम के प्रति समर्पण और संवेदना होती है इसलिए आप उन्हें कहीं किसी भी काम में लगा दीजिए, वे उसका परिणाम देकर ही छोड़ती हैं। महिलाओं ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि पहली बार महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री स्तर पर महिलाओं के हक में महिलाओं से बात कर उनकी राय जानने की पहल की गई है।