राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को सोलहवीं विधान सभा के तृतीय सत्र में राज्यपाल अभिभाषण पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रतिपक्ष द्वारा किये गये व्यवधान को दूर करने के लिए अनेक प्रयास किये। श्री देवनानी ने सदन में उत्पन्न गतिरोध दूर करने के लिए नेता प्रतिपक्ष सहित वरिष्ठ नेताओं से चर्चा का प्रयास किया। उन्होने कहा कि सदन में आज जो कुछ भी व्यवधान की स्थिति बनी, वह राजस्थान विधान सभा के गौरवशाली संसदीय परम्पराओं पर गम्भीर आघात है। सदन में नेता प्रतिपक्ष का भाषण नहीं होना और सदन के नेता के राज्यपाल अभिभाषण के जवाब के दौरान पूरे समय व्यवधान संसदीय इतिहास की अनहोनी घटनाओं में से एक है। श्री देवनानी ने इस व्यवधान को दूर करने की समझाइस के लिए भरपूर प्रयास किया। शुक्रवार को प्रात: नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली ने विधान सभा में अध्यक्ष से उनके कक्ष में हुई मुलाकात के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतियुत्तर को लेकर शांति के वातावरण में विधान सभा की कार्यवाही के संचालन का वायदा किया था। सदन को दो बार स्थगित करके श्री देवनानी ने श्री जूली से सदन के गतिरोध के संबंध में चर्चा भी की।
श्री देवनानी ने कहा कि प्रतिपक्ष के असहयोग के बावजूद भी उन्होंने शुक्रवार को कार्यसूची के अनुरूप प्रश्नकाल और शून्यकाल में सदन की कार्यवाही को चलाया। लोकतंत्र में सदन चलाने का दायित्व पक्ष के साथ प्रतिपक्ष का भी होता है। सदन संचालन लोकतंत्र के लिए आवश्यक होता है। विधान सभा के प्रत्येक सदस्य को सदन संचालन के कार्य में अपनी भूमिका का निर्वहन निष्ठा से करना चाहिए।