संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश के जिलों, क्षेत्रों, डिवीजन आदि के निर्माण, समाप्ति अथवा परिवर्तन करने की शक्ति राज्य सरकार के पास है। राज्य सरकार प्रदेश में नए जिले, उपखंड, तहसील, उपतहसील और गांवों का गठन/पुनर्गठन कर सकती है। श्री पटेल ने शून्यकाल में विधान सभा सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान भू—राजस्व अधिनियम 1956 के सेक्शन 15 और 16 के अनुसार जिले बनाने या समाप्त करने का राज्य सरकार को पूर्ण अधिकार है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में बनी परमेश चंद्र कमेटी के आधार पर और इसके अनुरूप ही वर्तमान कमेटी का निर्धारण किया गया है। इसमें किसी प्रकार का कोई राजनैतिक प्रभाव नहीं रहा। वर्तमान में जिलों को समाप्त करने का निर्णय पूर्ण बारीकी व गहन अध्ययन के बाद ही किया गया है। इसमें भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, प्रशासनिक व्यवस्था, पिछड़ापन और बुनियादी सुविधाओं जैसे आधारभूत मापदंडों के आधार पर ही नवीन जिलों में से 9 जिलों को समाप्त किया गया है।
श्री पटेल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के आमजन के हितार्थ सदैव आवश्यक कदम उठा रही है। राज्य सरकार ने पूर्ण पारदर्शिता, निष्पक्षता और दूरगामी सोच के साथ ही जिलों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।