जयपुर 27 जुलाई। प्रदेश में सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के प्रचार प्रसार का जिम्मा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का होता है। इसके लिये विभाग ने तगड़ा तामझाम भी कर रखा है। लेकिन शायद सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रचार प्रसार के लिये खरा नहीं उतरा, इसलिये विभाग को रुपये देकर अखबारों में बजट घोषणा की प्रेस विज्ञप्ति छपवानी पड़ रही है।
मामला मुख्यमंत्री बजट घोषणा का है। मुख्यमंत्री ने 2021-22 के बजट में अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना की घोषण की थी। इस योजना को वर्ष 2023-24 में संचालन करने के लिये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी की। लेकिन प्रेस विज्ञप्ति को अखबारों में छपवाने के लिये विभाग को रुपये खर्च करने पड़े। रुपये देकर प्रेस विज्ञप्ति छपवाने में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का भरपूर सहयोग किया और DIPR/C/-/2023 क्रमांक से अखबारों में छपने के लिये जारी कर दिया।
गौरतलब है कि सरकार के सभी विभागों में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी नियुक्त है। इन अधिकारियों का कार्य हि संबंधित विभाग के प्रचार प्रसार का होता है। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग मुख्यमंत्री सहित सभी विभागों की प्रेस विज्ञप्ति जारी करता जो बिना किसी शुल्क और रुपयों के अखबारों में छापी जाती है। ऐसे में यदि विभागों को रुपयों में प्रेस विज्ञप्ति छपवानी पड़ती है तो ये सरकार और विभागों के लिये शर्म की बात तो है ही साथ में मानननीय मुख्यमंत्री के अधिनस्थ सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के लिये गहरे दाग भी है।