-महेश झालानी
लगता है पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को वशीकृत कर लिया है । इसी वजह से फोन टेपिंग कांड के आरोपी और तत्कालीन मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा के बयान के बाद भी गहलोत से अभी तक कोई पूछताछ नही करना इस बात को दर्शाता है कि दिल्ली पुलिस गहलोत के इशारों पर कत्थक करने को विवश है । दिल्ली की क्राइम ब्रांच द्वारा लोकेश शर्मा से कई बार पूछताछ की जा चुकी है । इसके अलावा लोकेश ने फोन टेपिंग से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी भी उपलब्ध करादी गई थी । उम्मीद थी कि दिल्ली पुलिस शीघ्र ही अशोक गहलोत को तलब कर उनसे पूछताछ करेगी । रहस्य की बात यह है कि लोकेश द्वारा सभी परत खोलने के बाद भी गहलोत को पूछताछ के लिए तलब क्यो नही किया गया । इतने दिनों से दिल्ली पुलिस की चुप्पी किसी रहस्य की ओर संकेत कर रही है ।
क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक लोकेश शर्मा के बयानों का अध्ययन कर लिया गया है । बयानों से जाहिर होता है कि फोन टेपिंग के मुख्य सूत्रधार अशोक गहलोत रहे है । उन्ही के निर्देश पर गृह विभाग ने फोन टेपिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिया था । उम्मीद की जा रही थी कि शीघ्र ही गहलोत के बयान भी कलमबद्ध किये जाएंगे । उधर दिल्ली पुलिस की चुप्पी से लोकेश खफा है । उनको बिना अपराध के कई प्रकार की तकलीफों का सामना करना पड़ा जबकि मुख्य अभियुक्त मजे से घूम रहा है ।
इस प्रकरण की जांच फिर से क्राइम ब्रांच के निरीक्षक सतीश मलिक कर रहे है । क्राइम ब्रांच के अनुसार इस कांड में लिप्त अन्य अफसरों को भी पूछताछ के लिए बुलाए जाने की संभावना है । यह भी ज्ञात हुआ है कि अशोक गहलोत पूछताछ और गिरफ्तारी से बचने के लिए अमित शाह के सम्पर्क में है । चर्चा यह भी है कि उपचुनावों में बीजेपी को जितवाने और कांग्रेस प्रत्याशियों को हरवाने में गहलोत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।