नगर निगम जयपुर हेरिटेज की निलंबित महापौर मुनेश गुर्जर सरकार के निलंबन आदेश को लेकर हाई कोर्ट की शरण में गई है। गुर्जर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि एसीबी ने FIR में मुझे आरोपी भी नहीं माना है और सरकार ने उनके निलंबन से पूर्व कोई जांच भी नहीं की, गलत तथ्यों के आधार पर मेरा निलंबित किया गया है।
वहीं स्वायत्त शासन विभाग ने प्रथमदृष्ट्या महापौर की संलिप्तता मानी है। आदेश में विभाग ने लिखा था कि पट्टे बनाने की एवज में मेयर पति सुशील गुर्जर को महापौर की मौजूदगी में उनके घर से 2 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। सरकार ने प्रकरण की जांच करवाने का निर्णय लिया हैं। ऐसे में गुर्जर के महापौर पद पर बने रहने से विचाराधीन जांच को प्रभावित करने की पूर्ण संभावना हैं। इसलिए उन्हें निलंबित किया जाता हैं।
दूसरी ओर राज्य सरकार ने पहले से ही कैविएट दायर कर रखी हैं। ऐसे में हाई कोर्ट महापौर की याचिका पर कोई भी आदेश देने से पहले सरकार का पक्ष सुनेगा। सरकार को पहले से ही अंदेशा था कि कहीं मुनेश गुर्जर को निलंबन आदेश पर स्टे नहीं मिल जाए।