नागौर: ऑनलाइन जुए के चक्कर में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी, टीवी मोबाइल पर खुले आम प्रचार, प्रशासन और सरकार मौन

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ऑनलाइन गेमिंग के जरिए चल रहा जुए का कारोबार अब बड़ा आकार ले चुका है, ऑनलाइन गेम बनाने वाले सट्टा कारोबारी मोबाइल एप के जरिए लोगों तक गेम पहुंचा रहे, जीतने का लालच और ऐप डाउनलोड करने पर ऑफर का लालच देकर फंसा रहे हैं युवा पीढ़ी को, ऑफर के पैसों से जीतने का लालच कर गेम के लत में पड़ रहे हैं युवा, बिना मेहनत मोटी कमाई के चक्कर में युवा जाल में फंस रहे हैं जिससे मुक्ति पाना कठिन होता है,कर्ज में डूबकर तमाम युवक अपराध की राह पर बढ़ रहे हैं, इंटरनेट के इस दौर में मोबाइल पर तमाम ऐसे ऑनलाइन गेमिंग एप हैं जिन पर एक झटके में करोड़पति बनने का सपना दिखाया जाता है, कोई रास्ता नहीं सूझने पर कई युवक आत्महत्या भी कर चुके हैं, रोजगार की तलाश में भटक रहे युवा को विज्ञापनों के जरिए गुमराह कर रहे हैं ऐसे गेम ऐप लेकिन विज्ञापनों पर प्रशासन और सरकार मौन बनी हुई है, नागौर राजस्थान ही नहीं पूरे देश में ऐसी स्थिति बनी हुई है, 13 से 14 साल के बच्चों के पास मोबाइल उपलब्ध रहता है, बच्चे मोबाइल में मां-बाप से छुपकर ऐसे गेम ऐप डाउनलोड कर अपने जेब खर्च के पैसे इन पर दावा पर लगा देते हैं, धीरे-धीरे लत पड़ने के कारण वह कर्ज लेना शुरू कर देता है, शहर में 10 और 20 की मिती से ब्याज की रकम देने वाले गिरोह पहले से सक्रिय है, छोटी रकम इस ब्याज दर से इतनी बड़ी हो जाती है कि मासूम बच्चों और युवाओं को चुकाना नामुमकिन लगने लगता है और वह अपराध और आत्म हत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाता है, ऐसे में सोचने वाली बड़ी बात यह है खुले आम इन एप्लीकेशनों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है और हमारी सरकार उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही है, इसकी सबसे बड़ी वजह हमारा मौन रहना है

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