राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने एक शिकायत की सुनवाई कर प्रमोटर एमरल्ड अर्थ प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। रेरा ने शिकायतकर्ता पी. एल. मल्होत्रा शिकयत पर कार्रवाई की थी। उन्होने अपनी शिकायत में फ्लैट बुकिंग से संबंधित राशि की वापसी और प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के लिए प्रमोटर्स पर कार्रवाई की मांग की थी।
रेरा सदस्य सुधीर कुमार शर्मा की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुये आदेश दिया कि प्रमोटर ने रेरा के इससे पहले दिए गए निर्देशों की अनदेखी की गई है, इस कारण ₹1 लाख का जुर्माना लगाया गया है और अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
श्री शर्मा के अनुसार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को सुनाए आदेश में प्रमोटर को 45 दिनों के भीतर प्रोजेक्ट का पंजीकरण कराने और शिकायतकर्ता को जमा धनराशि ब्याज सहित लौटाने का निर्देश दिया थे। लेकिन, इसमें फेल होने के बाद रेरा ने 2 दिसंबर, 2022 को धनराशि की वसूली के लिए रिकवरी प्रमाण पत्र जारी करने और मामला संबंधित कलेक्टर के पास भेजने का आदेश दिया था।
उन्होने प्रमोटर के पंजीकरण में असफल होने पर धारा 59(2) के तहत अभियोजन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया गया। वहीं रेरा ने 21 जुलाई 2023 को अपने आदेश में प्रोजेक्ट का पंजीकरण नहीं कराने पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया था। आदेश के 30 दिनों के भीतर जुर्माना जमा नहीं करने और प्रोजेक्ट पंजीकरण ना होने पर अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये गये थे। वहीं अब श्री शर्मा ने 19 दिसंबर 2024 को रेरा के रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि प्रमोटर से रिकवरी हुई है या नहीं इसकी जांच की जाए और कहा कि यदि प्रक्रिया लंबित है, तो धारा 40 के तहत तुरंत रिकवरी प्रमाण पत्र जारी किया जाए। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर धारा 59(2) के तहत अभियोजन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।